कश्मीर में डीएसपी देविंदर सिंह के साथ पकड़े गए हिजबुल कमांडर नवीद के भाई ने गणतंत्र दिवस पर जम्मू शहर को दहलाने की साजिश रची थी। जम्मू कश्मीर पुलिस के स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने रविवार को शोपियां निवासी सईद मोहम्मद इरफान को दबोचकर इस साजिश को नाकाम बना दिया। उसे हथियार पहुंचाने वाले ओवरग्राउंड वर्कर को दो दिन पहले ही पुलिस ने दबोचा था।
यहां बता दें कि हथियार लाने की सूचना पर दो दिन पूर्व एक राज्य पुलिस ने रामबन निवासी मोहम्मद रफीक गन्नई को जम्मू शहर से मलिक मार्केट से पकड़ा था। रफीक ने पूछताछ के दौरान बताया कि वह हथियार लेकर जम्मू आने वाला था पर इससे पूर्व वह सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़ गया। रफीक आतंकियों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर का काम करता था। उसे बनिहाल से हथियार मिलने थे और उसे अपनी टाटा मोबाइल गाड़ी में जम्मू तक पहुंचाने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। हथियार लाने के पूर्व रेकी करने के लिए वह जम्मू आया था पर पकड़ा गया।
रफीक ने पूछताछ के दौरान जम्मू को दहलाने की साजिश का पर्दाफाश किया। उसने कबूला कि शोपियां में सक्रिय रहे कमांडर नवीद बाबू का भाई सईद मोहम्मद इरफान (32 वर्षीय) जम्मू में छिपा है और वह जम्मू में दहशत फैलाने की साजिश रच रहा है।
हालांकि रफीक को उसके ठिकाने की सटीक जानकारी नहीं थी लेकिन उसके भ¨ठडी में होने की आशंका जताई जा रही थी। रविवार शाम को शोपियां पुलिस और एसओजी जम्मू एक घर में दबिश देकर नवीद के भाई को दबोच लिया। उसे एसओजी के सेफ हाउस में रखा गया है। हालांकि पुलिस इस पर चुप्पी साधे हुए है। साथ ही इरफान के देविंदर कनेक्शन पर कुछ नहीं बोल रही है। यह भी साफ नहीं है कि रफीक को हथियार कौन देने वाला था।गौरतलब है कि 11 जनवरी को पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलगाम में एक कार को रोककर डीएसपी देविंदर सिंह और हिजबुल कमांडर नवीद को एक साथी के साथ दबोच लिया था।
लश्कर का एक ओवरग्रांड वर्कर भी सवार था। पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लेते हुए कार में से हथियारों का एक जखीरा भी बरामद किया था। इसके बाद डीएसपी की निशानदेही पर पुलिस ने उसके घर से तीन ग्रेनेड, दो पिस्तौल और एक एसाल्ट राइफल बरामद की गई। इसके अलावा लाखों रुपये के करंसी नोट भी मिली थी।